Friday, October 9, 2009

«╬♥इजाज़त ♥╬«


इजाज़त हो कुछ लिख दे,

अपने लफ्जो को कविता भरा मोड़ दे.

दुआ है बुरइयो को अच्छइयो के लिए छोड़ दे,

देखे कौन सी राह पर है मंज़िल और सपनो को हौसलों से जोड़ दे.

इतना प्यार दे ज़िन्दगी को कि नफरते ज़िन्दगी कि राहे छोड़ दे,

शहादत होगी यदि गलतियों का इकरार होगा,

हमारी बातों पर भी एतबार होगा,

अपनी तमन्नाए किस्मत को सौप दे.

इजाज़त हो कुछ लिख दे,

अपने लफ्जो को कविता भरा मोड़ दे....

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