
तमन्ना अजीब दास्ताँ होती है ज़िन्दगी कि.
आज गम कल ख़ुशी यही हकीकत होती है ज़िन्दगी कि.
सही क्या था,
और क्या होगा,
कोई नही जनता,
ये राजदार होती है ज़िन्दगी कि.
कभी उल्फत,
कभी नफरत,
कभी महफ़िल,
कभी तन्हाई,
यही कहानी होती है ज़िन्दगी कि.
आबाद तो कही बर्बाद,
मेहरबान तो कही कदरदान,
तो कही गुनाहगार होती है ज़िन्दगी कि.
तमन्ना है न अजीब दास्ताँ,
जो होती है सबसे प्यारी चाहत ज़िन्दगी कि......
wah rain wah.. bahut khub..
ReplyDelete