Wednesday, December 30, 2009

●๋•अश्कों कि स्याही से....... ●๋•


अश्कों कि स्याही से लिखना था ए़क कविता,
इतना प्यार मिला तुझसे,
इस प्यार ने तेरे मुझे रोने दिया
दिल तडपता है तेरी यादों में पर,
टूट जाए कसम तेरी,
इसलिए निगाहों को अपनी भीगने दिया
अरसे के बाद मिला था दीदार तेरा
खुद को इतना सम्हाला कि
तुझसे मिलने दिया
बैठी हूँ इंतजार की उदासी में,
कि मिल जाए फिर से दीदार तेरा
लिखना था यादों के पन्नो पर
तेरी जुदाई का फसाना
पर आलम यूँ हुआ,
कि निगाहों में कैद अश्को ने कुछ लिखने दिया
अश्कों कि स्याही से लिखना था ए़क कविता,
इतना प्यार मिला तुझसे,
इस प्यार ने तेरे मुझे रोने दिया

3 comments:

  1. for my sweet brother n very sweetest frnd Rohit

    ReplyDelete
  2. bahut khub rain kafi gahrai se or dil se likhi hai kawita.... bahut khub...

    ReplyDelete
  3. THANKS FOR LOVING ME ALOTS DEAR BHUT KHUB LIKHA HAI

    ReplyDelete