Friday, December 18, 2009

●๋• शायरी से कविता बनकर मै .... ●๋•


ज़िन्दगी ए़क शायराना पल है,
जिसमे ए़क शायर का हर पल शामिल होता है
चाहे वो गम की घडी हो या ख़ुशी की महफ़िल
शायर जब भी शायरी करता है
तब हर श्रोता तालिया बजाकर वाह-वाह करता है
क्युकी हर श्रोता के लिए वो सिर्फ ए़क मनोरंजन मात्र लम्हा है
पर ए़क शायर के लिए वो ए़क दर्द होता है जो उसका जीवन है
फिर चाहे वो ख़ुशी की महफ़िल हो या गम की घड़ी....
क्या किसी ने महसूस किया है उस दर्द को!
मैंने किया है क्यूकि शायद मै भी ए़क शायर थी
जिसकी ज़िन्दगी ए़क शायरी पर शुरू हुई और ए़क कविता बन गई यूँही
सच ज़िन्दगी ए़क शायराना पल है,
जो हर पल ए़क अधूरी कविता है.......
दिल की ज़ुबां से दिल की कहानी
शायरी से कविता बनकर........
"
मै "



5 comments:

  1. jiski jindagi ek shayri par shuru hui or ek kavita ban gayi...bahot khoob

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  2. बहुत ही उम्दा रचना है लाजवाब लेख है आपके आगामी कविता का इंतजार रहेगा ।

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  3. "ज़िंदगी कर दी निछावर तब कहीं पाई ग़ज़ल।
    कुछ मिलन की देन है तो कुछ है तन्हाई ग़ज़ल।।"

    जिंदगी को यदि कविता या ग़ज़ल समझ लिया जाए तो शायद ही कोई श़ख्स उदास रहेगा।
    जान कर खुशी हुई कि आपने अपनी जिंदगी को ग़ज़ल का रूप दे दिया है।
    दुआ है कि इस काम में आप दुनिया की सारी खुशियां पाएं और बुलंदियां छुएं।
    जिंदगी की ग़ज़ल को यूं ही गुनगुनाती रहिए।

    शुभकामनाओं सहित धन्यवाद!

    Vikas Gupta 'Naaz'

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  4. dil ka dard jab kagaz par utara hamane ,logon ne taaliyon se waah waah kah diya, aanshu jo the mere syaahi bane use dekh kar waah kya gazal likha hai kah diya.......
    tumne waakai ek gahra sach ko rakha hai....keep it up.......

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