Sunday, December 6, 2009

●๋•यादों में उनकी कमी नज़र नही आती........ ●๋•


मोहब्बत का समन्दर देखा था निगाहों में उनकी।
आया इस कदर तूफां हमारी ज़िन्दगी के इस समंदर में कि
प्यार कि वो कश्ती नज़र नही आती।
दर्द भरी लहरों में छोड़ कर माझी साहिल पर मुस्कुराता है
और दिल को चैन की वो ज़मी नज़र नही आती।
रह-रह कर तडपाती है उनकी जुदाई इस कनीज़ को
और रो पड़ती है निगाहें तन्हाइयों में छुप-छुप कर
अपना गम छुपाते हुए
पर यादों में उनकी कमी नज़र नही आती।
नज़र से नज़र मिलती थी और पहचान लेते थे
वो दर्द दिल का,
उन्हें ही अब इन आँखों में नमी नज़र नही आती।

3 comments:

  1. khoob likha dost tumne dard-e-dil apna yaha
    teri is rachna me mujhe koi kami nazar nahi aati.

    sundar rachna.
    keep writing.

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  2. khubsurat likha hai rain keep it up.... best of luck...

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  3. rain tumne to puri tarah mujhe bhi dard me dubo diya apne is nazm se............. keep it up..

    bless u.............
    ur didi...........

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